Mature होने की पहचान: 3 आसान चरणों में खुद को Mature इंसान कैसे साबित करें?

By Rao Anwar

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ख़ुदको एक Mature इंसान की पहचान कैसे दिलाएँ😊, जानें 3 Steps में!

एक आदमी के Mature (बालिग़) होने का आख़िर क्या मतलब है? यह सिर्फ यह नही कि आप इसमें उम्र और जिस्मानी तौर पर होने वाले बदलाव को परखेंगे! बल्कि यह जज़्बाती तौर पर कभी, ज़िम्मेदाराना रवैय्या, और अपने आस-पास के बारे में गहरी समझ रखने को लेकर है।

यह लेख! कईं fact पर बात करता है, जैसे;- जिसमें एक यह है कि कैसे ईमानदारी के साथ आगे बढ़ा जाए! और एक बालिग़ इंसान होने के नाते किस तरह हमें आगे का रास्ता खोजना है।

1. Self-Reflection: रूह (आत्मा) का आइना!

Mastering the Art of Mature Masculinity

इसकी शुरुआत एक आईने से शुरू होती है, माफ करना पर यह घरों की दीवार पर लगने वाला कोई साधारण आईना नही होता। मैं बात कर रहा हूँ आपके अंदर आपकी रूह वाले आईने की। खुदपर नज़र करने (Self-reflection) आपका Belief, अपने काम और मोटिवेशन पर नज़र करने का एक साहसी कार्य है। यह खुदसे सख्त सवाल पूछने के बारे में है।

Responsibility: अपनी कहानी खुद लिखें!

एक बालिग़ आदमी अपनी ज़िदंगी की कहानी की पूरी ज़िम्मेदारी लेता है। जिसका मतलब साफ है अपनी गलतियों को तस्लीम करना, उनसे सीखना और यह समझना कि कैसे यह आपके फैसले और आपकी तक़दीर को शक़्ल देते हैं। यह आलस और इल्ज़ाम से आगे बढ़ने के बारे में है। ज़िम्मेदारी का असर आपको कही बातों और वादों पर भी होता है।

Emotional Intelligence: एक समझदार दिल की निशानी!

Emotional intelligence खुदके जज़्बात के अलावा दूसरों के जज़्बात को पहचानने और उनको manage करने की सलाहियत रखता है। और मैं कहना चाहूँगा की यही पुख्तगी(बालिग़) होने की एक बड़ी निशानी है, जो आपको समाज की बारीकियों को हमदर्दी के साथ दिशा देने की इजाज़त देता है😊

इसमें Emotional intelligence को बढ़ावा देने के अलावा self-awareness को बेहतर बनाना, हमदर्दी की मश्क़ करना, और healthy रिश्तों को बढ़ाना शामिल है।

2. Self-Control: अपने अंदर रुके तूफ़ान पर महारत कैसे हासिल करें?

Self-Control

कुछ शक नही कि खुद-पर क़ाबू रखना किसी हुनर से कम नही है, यह बहुत थोड़े मज़े को नज़रंदाज़ करके, काफी समय तक रहने वाले सुकून को चुनता है। उकसावे के दौरान शांत रहने और तनाव में धैर्य को बनाये रखना इसमें आने वाली खूबियाँ हैं।

वैसे इन सब चीज़ों से बचने का एक उपाय यह भी है कि हम खुदपर कंट्रोल करने के लिए meditation करें। जिससे हमें हर हालत में सोच-समझकर और जानबूझकर काम करने में मदद मिलती है।

Goal Setting: खुदका रास्ता बनाना!

जब एक इंसान Mature होता है तो उसमें अपनी मंज़िल तक पहुँचने का जज़्बा अपने आप पैदा होने लगता है। बालिग़ इंसान खुदके लिए कामयाबी का रोडमैप तैयार करने की सलाहियत रखता है।

हाँ इसमें आप यह कह सकते हैं, कि हमें नही पता होता कि जो रोडमैप हमने तैयार किया है, वह आगे जाकर हमें कितना फ़ायदा या नुक़सान देगा। ऐसी सूरत में हम इन चीज़ों से पहले होकर गुजरने वाले लोगों का तजुर्बा काम मे ला सकते हैं। इसमें यह कहना भी शामिल है कि हम लोगों का तजुर्बे से सीखकर एक बेहतर रोडमैप तैयार करें, जो आपके सिद्धांत के साथ मैल खाता हो।

कभी-कभी हमें एक बालिग़ आदमी खुदसे समझौता करके भी आगे बढ़ने के फैसले आराम से ले लेता है।

Self-Sufficiency: आज़ादी के Pillars

इंसान के लिए Mature होना खुदपर निर्भर होने के बहुत क़रीब है, माली तौर पर और जज़्बाती तौर पर भी। financial तौर पर आज़ादी पाने के लिए पैसों को अच्छे मनसूबे से मैनेज करना ज़रूरी होता है, इसमें कहाँ पैसा इन्वेस्ट करना है, कितना पैसा खर्च करना है, कितना बचाना है शामिल है!

जज़्बाती तौर पर आज़ाद होने का सीधा-सीधा मतलब है, खुदमें एक आराम से महसूस करना, पर यह ख़ुशी पाने के लिए दूसरों पर निर्भर होने से बिल्कुल नही मिलती है। बल्कि यह खुदके अंदर हुनर पैदा करने, और ऐसा Believe पैदा करने के बारे में जो हमें अपने दोनों पैरों पर खड़ा करके रख सके।

3. Respect and Boundaries: रिश्तों की रूप-रेखा

Respect and Boundaries

दूसरों को इज़्ज़त देना ऐसा है जैसे एक रास्ता है, जिसे सिर्फ एक दूसरे की मदद से ही पर किया जा सकता है। मतलब इसका बिल्कुल साफ़ है कि आपको खुदकी इज़्ज़त पाने के लिए पहले इसे दूसरों को देना होगा। एक Mature आदमी अपनी इज़्ज़त करने के साथ-साथ दूसरों की इज़्ज़त का भी बखूबी ख्याल रखता है, वह हर एक इंसान में पैदाइशी ख़ूबी को पहचानने की कोशिश करता है।

ज़ाहिर है! यह एहतराम अपने आस-पास Healthy हदों को क़ायम करने और बरक़रार रखने की सलाहियत से ज़ाहिर हो जाता है। बात यह है कि आपको अपने और दूसरों के किये limitations को बनाना है ताकि इससे आपकी भलाई की हिफाज़त के साथ-साथ रिश्तों में आपसी समझ पैदा हो।

Continuous Learning: कभी न ख़त्म होने वाली तलाश!

इंसान बड़ी उत्सुकता से भरा होता है, हमेशा नए ज्ञान की खोज में लगा रहता है। आप अपनी पढ़ाई या तजुर्बों के ज़रिए लगातार सीखते रहने से अपने दिमाग़ को तेज़ कर सकते हैं। अगर किसी इंसान में चीज़ों को जानने और उनपर सवाल उठाने की जिग्यासा नही है तो हो सकता है वह अभी Mature न हुआ हो। क्योंकि इसमें अपना ज़हन खुला रखना, अपनाना, और टाइम के साथ तरक़्क़ी करना भी शामिल है।

आखिरी बात: पक्का इरादा बनाकर रखें!

तो दोस्तों! Maturity कोई मंज़िल नही है, बल्कि एक सफ़र है- जिसमें हमें लगातार कोशिश, reflection, और commitment का सामना करना होता है। यह एक ऐसा रास्ता है जो हमें आगे बढ़ना, सीखना और कामयाब ज़िंदगी जीने की राह का पता चलता है। जब भी आप आगे बढ़ें तो हर क़दम आगे बढ़ाने से पहले सोचें की आपको एक ऐसा इंसान बनना है जिसकी आप उम्मीद करते हैं!


इस आर्टिकल में इस्तेमाल होने वाले कुछ मुश्किल वर्ड्स:-

No.Hindi MeaningUrdu MeaningEnglish Meaning
1.स्थापितक़ायम, قائمEstablished
2.उत्तरदायीज़िम्मेदार, جوابدهAnswerable
3.नज़रियारवैया, رویہAttitude
4.प्रौढ़बालिग़, بالغMature
5.कौशलहुनरSkill
6.आस्थायक़ीन, ایمان Belief
7.मोहताजनिर्भर, منحصرDependent
8.रोडमैपमंसूबा, روڈ میپ Roadmap
9क्षमतासलाहियत, صلاحیتAbility
10प्रतिबिंबعکس, जज़्बाReflection, image
by rewirs

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