Forgiveness| छोड़ो! जाने दो! वाली कला, यह 3 क़दम आपकी ज़िदंगी को आसान बना सकते हैं!😊

By Rao Anwar

Updated on:

The-Art-of-Letting-Go-

Understanding Forgiveness: माफ़ी मांगना या किसी को माफ़ कर देना, बड़ा मुश्किल कार्य हो सकता है किसी के लिए भी, जिसने गलती की हो उसके लिए,और जिसने गलती न की हो उसके लिए भी!यह एक अलग बात है कि यह मुश्किल काम तो है, पर इसके बारे में लोगों में यह गलत फ़हमी है कि माफ़ी मांगने गलत है! दोनों ही सूरतों में! आप अपनी जगह गलत हों, या सही! जबकि ऐसा बिल्कुल नही है।

माफ़ी माँगना आपके लिए थोड़ा मुश्किल और नागवार तो होगा! पर यहाँ बात अपने सर से नाराज़गी के बोझ को उतारने और ख़ुदको आगे बढ़ने देने के बारे में है। यह बात को सिर्फ भूलने या गलत के बारे में नही है, बल्कि अमन तलाश करने के बारे में है।

Inspirational Anecdotes: मैं अपनी बात यहाँ पर रखना चाहूँगा! अक्सर होता है, या न चाहते हुए भी हो जाता है कि हम अपने जज़्बात में बहकर किसी को कुछ ज़्यादा ही कह देते हैं! या किसी से बड़ी बेरुख़ी और बे-अदबी से पेश आते हैं! इसके बाद होता यह है कि हमारा सुख और चैन कहीं गायब हो जाता है।

देखो! मैं अपनी बात करूँ तो मुझे बिल्कुल चैन नही आता अगर मैं अपनो गलती न मानूँ! और क्या वजह है मेरी गलती मानने की! और कहाँ पर मैं अपनी गलती नही मानता! इसपर मैं आगे बात करता चलता हूँ। जो कि मेरी निजी राय हो सकती है, ज़रूरी नही कि मैं अपनी जगह सही हो सकता हूँ😊

1. हम कब माफ़ी मांग सकते हैं, गलती न होते हुए भी?

Forgiveness (माफ़ी) | छोड़ो! जाने दो! वाली कला आपकी ज़िदंगी को आसान बना सकती है! Try these 3 tips tips!

खुदा ने इंसानी फितरत में कमियाँ और खूबियाँ भर-भरकर रखीं हैं! कभी-कभी जो कमियाँ हमारे अंदर हैं! वह उभरकर सामने आ जाती हैं। और जब ऐसा होता है तो हमें अपने बड़े और अपने छोटों का ख्याल नही रहता! और अनजाने में हम अपनी ज़बान का इस्तेमाल गलत अल्फ़ाज़ कहने या गाली गलौच करने मारपीट करने में कर देते हैं। ज़्यादातर देखा जाए तो हम दूसरों को अपनी ज़बान से ही तकलीफ़ देते हैं।

अब बात कर लेते हैं! माफ़ी मांगने की! हम माफ़ी मांग सकते हैं! अपने परिवार के बड़ों, अपने मुहल्ले के बड़ों या छोटों से भी! यहाँ पर मैं यह नही कहूँगा कि गलती न होते हुए भी, किसी भी बड़े से माफी मांग ली। मैं यहाँ आपके आस-पास के बड़े या छोटे जिनको समाज मे इज़्ज़त की निगाह से देखा जाता है।

क्या एक नाबालिग़ को माफ़ी मांगनी चाहिए? छोटे या बड़े से?

बिल्कुल! माफ़ी मांगनी चाहिए! अगर केस ज़्यादा sensitive न हो, या किसी जुर्म से न जुड़ा हो तो! एक नाबालिग लड़के या लड़की के case में हालात के हिसाब से बात हो सकती है। और अगर कोई बड़ी बात नही हुई हो तो माफ़ी-तलाफ़ी करवाकर मामले को रफा-दफा करना ही बेहतर है।👍😊

कब माफ़ी नही मांगनी चाहिए?

आपको उस चीज़ के लिए बिल्कुल माफ़ी नही मांगनी चाहिए, अगर आप पर झूठा इल्ज़ाम लगाया जा रहा हो! या आपको किसी बात या चीज़ के लिए दोषी ठहराया जा रहा हो, जबकि आपकी उसमें बिल्कुल involvement न हो।

और वैसे भी इसमें आपके लिए कोई शर्मिंदगी नही होगी! कि आपने माफ़ी क्यों नही मांगी! क्योंकि किसी पर इल्ज़ाम लगना या बिना वजह दोषी ठहराना इंसान बिल्कुल बर्दाश्त नही कर सकता है, और यह उसकी फितरत में शामिल है।

2. दर-गुज़र यानी माफ़ी के लिए क्या Process अपनायें?

दर-गुज़र यानी माफ़ी के लिए क्या Process अपनायें

किसी के जज़्बात और परेशानियों को पहचानना और क़ुबूल करना बहुत ज़रूरी है। यह एक इलाज की तरह काम करता है। और माफ़ी माँगने के दौरान में इसे छोड़ा नही जा सकता!

ज़ाहिर है अगर आपको किसी से या किसी को आपसे माफ़ी मांगनी है, तो आपको या उसे चाहिए कि माफ़ी मांगते समय दूसरे के लिए ऐसे शब्द कहे जो उसके लिए heal का काम करे! ताकि आपकी माफ़ी असली लगे! उसमें कहीं से भी दिखावे जैसा कुछ न लगे।

Empathy Towards Others:- दूसरों के लिए हमदर्दी रखें! उस शख्श के perspective को समझने की कोशिश करें, जिसने चोट पहुंचाई है। यह आपके लिए मुश्किल हो सकता है पर असल में माफ़ी के लिए ज़रूरी है।

माफ़ करना एक विकल्प है जिसके लिए अक्सर मुश्किलात का सामना होता है! यही वजह है कि कभी-कभी हमें इसके लिए बार-बार कोशिश करने की ज़रूरत होती है।

3. दर-गुज़र Forgiveness (माफ़) करने के फायदे😊

दर-गुज़र Forgiveness (माफ़) करने के फायदे

रंजिशों को भुलाकर! किसी शख्श को उन negative emotions से आज़ाद कर सकता है, जो सालों से उसे घेरे हुए थे।

माफ़ करने की क़ाबिलियत साफ-सुथरे संबंधों और यहाँ तक तनावपूर्ण रिश्तों में सुलह का रास्ता हमवार करती है।

शोध से पता चला है कि माफ़ करने से तनाव का लेवल घटता है और यह दिल के सुकून में बड़ा रोल अदा करता है।

दर-गुज़र कैसे करें?

कभी-कभी माफ़ी ज़ाहिर करना! या इससे जुड़े एक इंसान या कईं लोगों के सामने अपने जज़्बातों पर बात करना भी एक बढ़िया इलाज को तरह काम करता है।

इसके अलावा भूलकर आगे बढ़ने की कला यह है कि अपने आज पर ध्यान देने वाली तदबीरें आपके पिछले समय को भूलने में मददगार साबित हो सकती हैं।

अपनी माफ़ी के बारे में लिखें, इससे आपके दबे हुए जज़्बात को बाहर लाने में बड़ी मदद मिलती है।

खुलासा!

खुलासा यह है कि आपको Forgiveness की कोशिश या अगर आप इसमें शामिल न हों उस समय में! तो दूसरे के साथ ऐसा बर्ताव करें कि उसे अपनी गलती का अहसास हो!

जितना हो सके! अपनी तरफ से बात बनाने की कोशिश करें! चाहे कम स्तर पर ही हो। देखो! ज़रूरी नही कि आप किसी की माफ़ी के लिए इंतेज़ार करें! कुल मिलाकर बात यह है कि कुछ ऐसा करें कि अगला आपसे माफ़ी मांगने के लिए खुद से तैयार हो जाए।

इसके अलावा अगर इन सब बातों से आपको मदद मिलने में दुश्वारी का सामना है! और आप ख़ुदको इसके लिए फिर भी तैयार नही कर पा रहे हैं! तो अब! आप Self-help books का सहारा ले सकते हैं! या किसी अच्छे थैरेपिस्ट से थेरेपी ले सकते हैं।

1 thought on “Forgiveness| छोड़ो! जाने दो! वाली कला, यह 3 क़दम आपकी ज़िदंगी को आसान बना सकते हैं!😊”

Leave a Comment