आज हम दो पहलुओं पर जुस्तुजू करने वाले हैं! एक Positivity और दूसरा Negativity यह दो ऐसे और बहुत गहरे topic हैं जिनका आपकी ज़िंदगी से सीधा ताल्लुक़ है। यानी जिन दो चीज़ों के बारे में में यहां Discuss करूंगा उनके बारे कोई अपनी ज़िंदगी का तसव्वुर ही नही कर सकता।
Positive Thinking एक ऐसी चीज़ है जो सबकी ज़िन्दगी में आती है खासकर जब आप बचपन की दहलीज़ पर होते हैं तो यह चीज़ आपके अंदर कूट-कूट कर भरी होती है। क्या कभी आपने सोचा कि बच्चा किसी पर भी इतनी जल्दी यक़ीन कर लेता है! वो इसलिए क्योंकि उसको खुदा ने एक तोहफा देकर भेजा हुआ होता है। और वो है positive thinking सबको भरोसे की निगाह से देखना, Positivity के चश्मे से देखना!
Contents
1. धुंधला चश्मा? जानें Positivity और Negativity के कारण और समाधान!
फिर आखिर ऐसा क्या होता है कि धीरे-धीरे आपका वो क़ुदरती चश्मा धुन्दला होने लगता है। और आपको चीज़ों में कमियां,खामियां,गलतियां दिखाई देने लगती हैं? क्योंकि जब हमें अहसास होता है कि दुनियां में हम एक चीज़ तो क़ुदरती सीखकर आते हैं!
पर कुछ वक्त बाद एक दूसरी चीज़ का इल्म होता है और वो है Negative thinking इसका सीधा मतलब है, Negative thinking की शुरुआत Critical thinking से होती है जो कि बिलकुल गलत नही है, क्यूंकि हमें दूसरी चीज़ों पर सवाल उठाने की जरूरत होती है!
पर किसी को गलती व ऐब की निगाह से देखना, दूसरों के अंदर कमियां दिखाई देना, यह Negativity के असरात हैं जो आपके अंदर धीरे-धीरे पनपने लगते हैं। इसकी आसान वजह है कि हम यह फ़र्क नही कर पाते कि क्या गलत है और क्या सही! क्यूंकि हमें यह कभी सिखाया ही नहीं जाता! कहना पड़ेगा पर सच है कि स्कूल और कॉलेज में यह सब चीज़ें सीखने नही मिलती हैं! इसके लिए आपको सिर्फ किताबें पढने की ज़रूरत है!
Negativity कहाँ ज़रूरी है?:- दोस्तों! मानता हूँ कि यह Natural होता है। पर इसकी एक limit होती है और इसका फैसला आपको करना है कि आपको किस हद तक Negativity के तऱीके से चीज़ों को देखना है कहाँ जाकर रुक जाना है। यह भी सच है कि आपको अपनी Negativie सोच को ज़िंदा रखना है ऐसे लोगों के लिए जो दगाबाज़ हैं, चोर हैं, धोकेबाज़ हैं, जालसाज़ हैं, और क़ातिल हैं,और दुनिया मे जितने भी जुर्म होते हैं उन सबके लिए यह सोच आपकी ज़िंदा रहनी ही चाहिए क्योंकि यही Negative Thinking हमें गुनाहगार लोगों की पहचान करने में मदद करती है।
कामयाबी में रुकावट:- मेरा असल मक़सद इस वीडियो को बनाने का यह है कि आज यह Negativitiy कुछ ज़्यादा ही पैर पसार रही है। और यह एक ऐसी चीज़ हो सकती है जो आपकी कामयाबी के रास्ते में आड़े आ रही है। यह ज़रूरी है कि यह आपके अंदर एक लिमिट में हो जिसकी अभी मैंने बात की पर क्या गारंटी है कि दूसरा इस चीज़ से बचा है? हो सकता है वो इसकी लिमिट Cross कर गया हो? वो कोई भी हो सकता है आपका बड़ा,आपका छोटा, आपका दोस्त, कोई भी! पर उनको इस चीज़ से बचाने का हक़ सिर्फ आपका है।
आपस मे झगड़ने की बड़ी वजह:- क्या कभी ऐसा नही हुआ आपके साथ! कि आपने किसी के बारे में कुछ अच्छा सोचा पर नतीजा क्या निकला? वो दूसरा जिसके लिए आपके अच्छे विचार हैं वो तो आपसे लड़ बैठा? या फिर उसे लगता है कि आप उससे चिढ़ते हैं, या आप उसके बारे में गलत ख्याल करते हैं? अब यहाँ पर आप अपनी लिमिट में हैं! पर वो अपनी Limit Cross कर चुका है और कुछ भी ख्याल करता है आपके बारे में।
2. खुदा का दिया हुआ बड़ा तोहफा?
दोस्तों! खुदा ने आपको एक खूबसूरत चीज़ देकर भेजा है! जो आपको किसी ने नही सिखाई आप पहले से जानते हैं! बचपन मे जब आप छोटे होते हैं तो यह Limit से ज़्यादा आपके अंदर होती है।
एक बच्चा किसी पर भी बड़ी जल्दी यक़ीन कर लेता है। मतलब साफ है वो हर किसी पर भरोसा करता है,उसे ज़ालिम,मज़लूम,क़ातिल,चोर,धोकेबाज़ की पहचान नही होती ! क्योंकि उसमें POSITVITY की मात्रा ज्यादा होती है। एक बच्चा किसी के बारे में अच्छा ही सोच सकता है गलत नही।
बच्चों की Positive सोच:- जिस तरह किसी भी अनजान चीज़ पर यक़ीन कर लेना एक बच्चे के लिए घातक साबित हो सकता है ! ठीक वैसे ही एक आदमी के लिए किसी भी अनजान इंसान या चीज़ पर यकीन कर लेना कितना नुकसान देह हो सकता है यह आपको वही बता सकता है जिसके साथ यह हुआ हो।
अनजान लोगों के साथ बर्ताव:- देखिये! आप खुदको Positive रख सकते हैं पर चोर, बदमाश, और गलत लोगों को समझने में आपकी Negativity काम आती है। आप किसी अनजान चीज़ को देखते हैं तो उसके बारे में क्या सोचते होंगे? पर यह आपकी सोच पर निर्भर करता है, फिर भी अगर आप किसी अनजान चीज़ को देखते हैं तो क्या सोच सकते हैं? इसका जवाब बहुत आसान है कुछ नही!
जी हाँ आपको उसको Ignore कर देना है ना उसके लिए अच्छा सोचना है और न ही बुरा! आप सबको ना तो अच्छी नज़र से देख सकते हैं और न ही बुरी नज़र से ! मैं यहाँ उनकी बात कर रहा हूँ जिनको आप जानते ही नही हैं। तो आगे से जब आपके सामने किसी अनजान चीज़ की तारीफ़, या कोई बात करे तो तब तक यक़ीन न करियेगा जब तक आपके सामने उसका सुबूत ना हो।
3. झूठी खबरें: कैसे फैलती हैं और कैसे बचें?
और अगर कोई बुराई करे तब भी आपको कोई हक़ नही बनता की किसी के भी कहने से आप उसे बुरा समझने लगें। दोस्तों दुनियां में कच्चे कान के लोग ज़्यादा हैं जो कुछ भी सुनते हैं और यक़ीन कर लेते हैं। जैसा कि आपने आज कल देखा होगा Whatsapp पर कितने Fake News फैलते रहते हैं।
क्या आपने कभी सोचा कि दो लोगों के बीच में एक चीज़ आपकी दुश्मन हो सकती है आपकी Thinking of Negativity! जितना हो सके Negative Thinking से बचिए क्योंकि यह आपके Carrier को नई ऊंचाइयों पर जाने से रोकती है। अक्सर दो दोस्तों, दो यारों में झगड़ा आपकी गलत फहमी, आपकी Nagative Thinking की वजह से ही होता है।
सकारात्मक सोच कामयबी का राज़:- Friends ! इस सोच से बाहर निकलिए और जब सोचिये तो अच्छा वरना कुछ नही।। Normal रहने दीजिए। क्या फ़र्क़ पड़ता है अगर दूसरा Negative सोचता है? पर अगर आप अपनी जगह ठीक है तो यही अपने आप मे बहुत बड़ी बात है।
आख़िरी बात!
समझ सकता हूँ कि इंसान कि जिंदगी में काफ़ी उतार-चढ़ाव आते हैं! और यह भी कि हम कभी किसी चीज़ में Perfect नही हो सकते हैं! अगर हम गलतियाँ न करें तो इंसान क्यूँ ही कहलाते! पर हम उन गलतियों से बचने की कोशिश ज़रूर कर सकते हैं! अपनी गलतियों से सीखकर या दूसरों की गलतियाँ देखकर हम खुदको आने वाले समय के लिए वो गलतियाँ करने से बच सकते हैं! तो दोस्तों आगे हम इस बारे में और ज़्यादा खुलकर बात करेंगे! उम्मीद करता हूँ कि आपको यह Post पसंद आया होगा!
Thanks!