Contents
- 1 1. 16 साल वालों के लिए: एक लेख Mature (बालिग) लोगों के लिए!
- 1.1 2. Life Experience: उन चीज़ों से सीखें जिनसे होकर आप गुज़र चुके हैं!
- 1.2 3. Financial Freedom को कैसे हासिल किया जा सकता है?
- 1.3 4. Always Be a Learner: हमेसा सीखने की भूख बाक़ी रखें!
- 1.4 5. Understanding Perspective: कुछ भी फैसला लेने से पहले अपने जज़्बात पर ध्यान दें!
- 1.5 6. Find a Friend Who is Your Best Friend (आपका कोई सबसे
- 1.6 आख़िर में!
1. 16 साल वालों के लिए: एक लेख Mature (बालिग) लोगों के लिए!
life lesson:- यह लेख वैसे तो किसी के लिए भी फायदेमंद हो सकता है, पर यहां मैं खुदसे छोटे कम उम्र बच्चों को ध्यान में रखते हुए कुछ ज़रूरी बातें आपके सामने रखूँगा। इसके लिए हो सकता है आप 16 से ज़्यादा के हों, या 16 के हों। मैं मानकर चलता हूँ कि आप सोल्ह्नवें साल तक पहुंचने वाले हैं।
अब आकर आप यहाँ ठहर ही चुके हैं, तो समझ आ चुका है कि अब आप Mature हो चुके हैं, आईये मेरे साथ बैठिए, क्यों न अपने आकर गुज़र जाने वाले, और कभी लौटकर न आने वाले उस समय को कोसने के बजाए, खुदको सम्भालें और उस गुज़र जाने वाले पल को बचाने की कोशिश, कम से कम करने ही के लिए, जहाँ से भी मिले, वो जानकारी हासिल करें, जो आपको सिर्फ तब हासिल होगी जब आप उससे गुज़र चुके होंगे।
क्यों ना थोड़ा गहराई से सोचा जाए, गहराई से सोचता सिर्फ़ वही है जो Mature हो चुका है, या उम्र से पहले ज़िम्मेदारियों तले दबे चुका है! या यह भी कि आप अभी से अपना आने वाला कल देख रहे हैं।
2. Life Experience: उन चीज़ों से सीखें जिनसे होकर आप गुज़र चुके हैं!
Exprience:- हाँ मैं तजुर्बे की ही बात कर रहा हूँ। जिससे मैं गुज़र चुका हूँ, यक़ीन मानिए अगर आपने इस जानकारी को Miss कर दिया जो मैं आज आपको यहाँ बताने वाला हूँ, तो संभालकर रखें” “भविष्य में अवश्य देखें, ज़रूर अगले 5 साल में यह वीडियो देख लेना। तब आपको खुद अहसास होगा कि आपसे क्या कुछ पीछे छूट चुका होगा।
Middle-Class लोगों का नज़रिया
मैं मिडिल class से हूँ तो अच्छे से समझता हूँ, कि जब हम बच्चे होते हैं, तो जल्दी बड़ा होना चाहते हैं, ताकि हमपर से वो सब Restrictions हट सके, जो हमपर उस समय लगी होती हैं, जब हम छोटे होते हैं। और हम बड़े होकर वो सब कर सकें, जो अभी नही कर पा रहे हैं।
Grow So Fast: हम इतनी जल्दी क्यूँ बड़े होना चाहते हैं?
और जब हम बड़े होते हैं, उस वक़्त life कैसी होती है, इसका हमें ज़रा भी अंदाज़ा नही होता! बस हमें जल्दी से बड़ा होना होता है! ताकि 50 या 100 रुपये का नोट हमें आसानी से हो सके, जिसके लिए हमारे बड़े एक 5 या 10 साल के बच्चे देने से पहले सवाल करते हैं, और जो कि हमें 5-10 रुपये की शक्ल में मिलता है। वो बढ़कर इतना हो सके जितना हम चाह सकें, और हम जो चाहें खाने की चीज़ या कोई खेलने की चीज़ खरीद सकें।
कोई हमसे सवाल करने वाला न हो! हमसे कुछ वजह न पूछी जाए। मर्ज़ी से जितना चाहें खर्च कर सकें। ऐसी सोच Develop क्यों होती है? क्योंकि हम अपने आस-पास खुदसे बड़े लोगों को ज़्यादा खर्च करते देखते हैं। और उनकी ही तरह financial freedom चाहते हैं।
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3. Financial Freedom को कैसे हासिल किया जा सकता है?
Self-Respect: खुदकी क़ीमत को कम न आंकें :- खुदकी इज़्ज़त करने से मेरा मतलब हर गिज़ नही कि आप खुदको दूसरों के मुकाबले बड़ा समझने लगे, खुदको इज़्ज़त देंना इसका मतलब यह भी बिल्कुल न समझें कि आप खुदकी तारीफ दूसरों के सामने करें। इससे मुराद यह है कि आप खुदको कमतर न आंके, आप भी कुछ करने क़बिलियात रखते हैं जो दूसरा इंसान कर सकता है।
अगर आप खुदको कमतर आंकने लगें….और अपनी खुद्दारी को ताक पर रख दें तो Negativity के अलावा कोई चीज़ आपके पास फटकेगी भी नही। अक़्लमंद लोग Self Respect को एक मोटिवेशन के तरह लेते हैं। और खुदको औरों से बेहतर बनाने की कोशिश करते हैं।
4. Always Be a Learner: हमेसा सीखने की भूख बाक़ी रखें!
क्या आप जानते हैं कि आप जितना जानते हैं वह उससे बहुत कम है जितना आप नही जानते, और इसी बात को आधार बनाकर आप खुदको और निखार सकते हैं, किसी चीज़ को जानते हुए भी आप उसमें ज़रूर कुछ नया सीख सकते हैं, ऐसा न हो कि आप कह दें कि मैं यह पहले से जानता हूँ।
जिस दिन से आपने यह समझना शुरू कर दिया कि आप सबकुछ जानते हैं, जान लीजिए कि आपने खुदको एक घड़े में पड़ी मछली की तरह कर लिया है जो उस घड़े को पानी को ही समुंदर समझ बैठी है।
न तो कोई माँ के पेट से सीखकर आता है, और न ही कोई सबकुछ जानता है, इसलिए अपनी field का हर कोई जानकार है, हमपर फ़र्ज़ बनता है कि हर एक individual की इज़्ज़त करें, उसकी भी जिसके बारे में हमार ख्याल है कि यह कुछ नही जानता और उसकी भी जिसकी हालात देखकर आपके अंदर negative ख्याल आने लगे और आप उसके कवर(कपड़ों) से उसे judge करने लग जाएं।
सिर्फ इंसान की इज़्ज़त ही नही दुनियाँ में रहने वाले हर जानदार की इज़्ज़त करना ही सही इंसान होने की दलील है। हमेशा एक भूखें इंसान की तरह रहें जिसे कुछ न कुछ सीखने का जज़्बा और शौक़ है।
5. Understanding Perspective: कुछ भी फैसला लेने से पहले अपने जज़्बात पर ध्यान दें!
आप मेरी इस बात से सहमत होंगे या नही कि ज़्यादातर फैसले हम चीजों को समझे बिना, जज़्बात और नज़रिये की बुनियाद पर लेते हैं। हमें यह ध्यान में रखते हुए कि हम इंसान है और गलती कर सकते हैं कभी भी नज़रिये की बुनियाद पर हर चीज़ को नही परखना चहिये, और न जज़्बात की बुनियाद पर।
इसकी मिसाल ऐसे समझते हैं मान लीजिये आपके दोस्त को किसी ने गाली दे दी या उसका अनादर किया, और यह देखकर आपको गुस्सा आ गया, फिर आपने प्रतिक्रिया देने की सोचा, और उसका इतना कुछ बिगाड़ दिया कि वह इसका हक़दार नही था।
और आपको अब पछतावा हो रहा है! तब आपको अहसास होता है कि किसी भी चीज़ में जल्दबाजी ठीक नही। कहा जाता है इंसान स्वभाव से जल्दबाज़ होता है!
जज़्बात की बुनियाद पर और नज़रिये की बुनियाद पर अगर आप फैसले लेंगे तो आपको सिर्फ निराशा ही हाथ लगेगी। कुछ भी फैसला लेने से पहलेचीजों को अच्छी तरह समझें। आपको पता होना चाहिए कि आपका सोचने का नज़रिया(perpective) हमेशा सही नही हो सकता।
6. Find a Friend Who is Your Best Friend (आपका कोई सबसे
अगर मैं आपसे कहूँ की life में दोस्त होना इतना ही ज़रूरी है जितना की इंसान के लिए पानी, वो दोस्त आपका कोई भी हो सकता, आपका भाई, बहन, दोस्त जिसे आप अपने मन की बात कह सकें।
वो वक़्त याद करो जब आप किसी बात से परेशान हों, या आपको किसी की बात से बहुत ठेस पहुंचे, आप खुदमें इतने परेशान होंगे कि अगर आप अपने अंदर की यह भड़ास यह तंगी यह stress नही निकालेंगे तो आपको शांति बिल्कुल नही मिलने वाली। इसके लिए आपको एक दोस्त तो ज़रूर चाहिए।
आख़िर में!
16 साल की उम्र वालों, अब तक आप समझ चुके होंगे कि life का यह वक़्त कितना कीमती है। बीते पलों को कोसने की बजाय, खुद को संभालो और आने वाले कल के लिए आज ही वो ज्ञान जुटाओ, जो तुम्हें तब समझ आएगा जब यह वक़्त हाथ से निकल चुका होगा। मेरा तजुर्बा कहता है—अगर आज यह बातें तुम्हारे दिल तक पहुँची हैं, तो इन्हें सहेज लो। 5 साल बाद जब तुम इन्हें दोबारा पढ़ोगे, तो महसूस करोगे कि कितना कुछ सीखने को बाकी था।
शुरुआत यहाँ से करो:
- स्वाभिमान रखो—खुद को कमतर न आँको।
- हमेशा सीखते रहो—ज्ञान की कोई सीमा नहीं।
- दृष्टिकोण समझो—जल्दबाज़ी में फैसले न लो।
- एक सच्चा दोस्त ढूँढो—जिसके सामने तुम बिना डर के अपना दिल खोल सको।
यह वक़्त कभी लौटकर नहीं आएगा। इसे सिर्फ़ गँवाने की बजाय, इसे समझदारी से जियो। तुम्हारी आने वाली life इसी पर निर्भर करती है।