यह कोई अजीब बात नही है कि आपका एक दोस्त है, या कह सकते हैं कि आपके कईं दोस्त हैं! पर फिर भी आप खुदको lonely महसूस करते हैं! इस चीज़ को लेकर बड़े दुःख का अहसास आपको झेलना पड़ता है! लेकिन यह ध्यान देने वाली बात है कि इस ख़राब अहसास में आप सिर्फ अकेले नहीं हैं! बहुत लोग इस चीज़ से होकर गुज़रते हैं! आईये हम इस टॉपिक को लेकर इस पर एक बार नज़र कर लें!
Contents
1. रिश्तों की गुणवत्ता को कैसे सुधारा जाए? (quality of relationships)
इस तरह के रिश्तों में खुदको lonely महसूस करना, दोस्तों के साथ कम गहरे रिश्तों को दर्शाता है! आपके कईं जानकार दोस्त तो हैं पर उनसे आपके सच्चे रिस्ते नहीं हैं! मतलब वह आपको बहुत हल्के में लेते हैं! कुछ दोस्त होते हैं! उनको दोस्त कहना मैं मुनासिब नहीं समझता, उनको मतलबी दोस्त कहना ज़्यादा बेहतर रहेगा! क्यूंकि वह सिर्फ अपनी सहूलत और अपने मन को बहलाने के लिए आपके पास लग जाते हैं ताकि उनका थोडा टाइम पास हो सके!
सच्चे रिश्तों के लिए सिर्फ साथ समय बिताना काफी नहीं है—इसमें आपकी सोच, भावनाओं और अनुभवों को साझा करना भी शामिल है। अगर इसमें गहरायी नहीं है, तो यह भीड़ में अकेलापन महसूस करने जैसा है।
2. जज़्बाती लगाव : दोस्ती की गहराई (Emotional attachment)
जज़्बाती क़रीबी का मतलब है कि आपके दोस्त! आपको सच में समझते हैं और आपको सपोर्ट करते हैं। अगर आपकी दोस्ती में यह जज़्बाती जुडाव नहीं है! तो आपको लगता है कि आपकी ज़रूरतें पूरी नहीं हो रही हैं। सिर्फ किसी के साथ समय बिताना ही काफी नहीं होता! आपके पास ऐसा कोई होना भी चाहिए जो आपके भले के बारे में सही मायनों में चिंता करता हो और आपकी भावनाओं को समझता हो!
3. खुद को Express करना: अपने सच्चे जज़्बातों को साझा करने में मुश्किलात का सामना करना
दूसरों के सामने अपने जज़्बात रखना बड़ा मुश्किल काम है! और यह डर आता कहाँ से है? जब हमें इस बात का डर हो कि यह करने से हमें जज किया जा सकता है या मज़ाक उड़ाया जा सकता है! दोस्ती में गहरायी पैदा करने का यह भी एक अच्छा तरीका है कि आप अपने दोस्त के सामने अपने जज़्बात को ज़रूर बयान करें! कोई एक दोस्त तो होना ही चाहिए! अपने विचार दोस्तों के सामने रखने हिचकना, एक सच्ची दोस्तों कि पहचान नही है! यह चीज़ें भरोसेमंद रिश्ते बनाने में बड़ी बाधा बनती है! d
3. अधूरी उम्मीदें: ज़रूरतों और दोस्ती के बीच मेल न होना! (unfulfilled expectations)
कभी-कभी, आपकी दोस्ती आपकी उम्मीदों या ज़रूरतों के मुताबिक़ नहीं होती! हो सकता है आप अपने दोस्तों से ज़्यादा उम्मीद करते हों, या आपकी ज़रूरतें समय के साथ बदल गई हों। जब आपकी दोस्ती आपकी उम्मीदों को पूरा नहीं करती, तो यह निराशा और अलग-थलग रहने की भावना पैदा कर सकती है।
आंतरिक कारण: मानसिक स्वास्थ्य की भूमिका
इन्सान की फ़ितरत बड़ी नाज़ुक होती है! खुदके सम्मान, dipression! अकेले-पन की भावना में अहम रोल अदा करते हैं! फिर भले ही आपके आपस पक्के दोस्त भी हों! यह दिमागी सेहत समस्याएं आपको दूसरों से जुड़ने में मुश्किलात पैदा करती हैं! तब आपको लगने लगता है कि आपको प्यार या समर्थन नही दिया जा रहा है! इससे आप बिलकुल अलग-थलग पड़ जाते हैं!
इससे जिंदगी में बदलाव लाने से क्या असर पड़ता है!
नए शहर में जाना, नई नौकरी तलाश करना, या किसी रिश्ते को टूटते देखना! जैसे बड़े ज़िन्दगी के बदलाव आपके सामाजिक दायरे से दूरी की भावना पैदा कर सकते हैं। ये बदलाव पुरानी दोस्ती को बनाए रखने या नई दोस्ती बनाने को मुश्किल बना सकते हैं! जिससे आप इन बदलावों के दौरान अकेलापन महसूस कर सकते हैं।
सोशल मीडिया का प्रभाव: ऑनलाइन तुलना का असर
वैसे तो सोशल मीडिया बड़े फ़ायदे की चीज़ है। अगर इसका सही से फ़ायदा उठाया जाए तो। लेकिन इसके नुक़सान भी बड़े हैं। क्योंकि हमारे सामने कुछ image और फ़ोटो आ जाते हैं! जिन्हें देखकर आप खुदसे comparison करने लगते हैं। आपको लगता है कि आपके अंदर कुछ कमी है। ऐसी तुलना करना आपको अकेले-पन का अहसास करा सकती है। भले ही आप खुदको online दिखावे के तौर पर अलग दिखाते हैं।
हो सकता है! आपके शोक़ और Interest दोस्तों से अलग हों। तो वे आपको न समझ पाए? आपके दोस्त को जो चीज़ पसन्द है, कुछ उसी तरह की चीजें आपको भी पसन्द हैं तो यह दोस्ती में एक मजबूत कड़ी साबित होती है। इसके बिना आप अपने सबसे करीबी दोस्तों के साथ होते हुए भी एक बाहरी व्यक्ति की तरह महसूस करते हैं।
व्यस्त कार्यक्रम: संबंधों के लिए सीमित समय:- आज के दौर में हर कोई व्यस्त है, लोगों के पास काम न भी हो तो भी वह busy रहते हैं, क्योंकि हम खाली समय मे मोबाइल में घुसे रहते हैं। ऐसे में टाइम की कमी तो खुद-बखुद आ ही जाएगी ना।
संचार समस्याएं: गलतफहमियों की दीवार:- खराब कनेक्नशन सी भी रिश्ते में Emotional Distance पैदा करता है। गलतफहमियां, बात-चीत की कमी या असरदार Communications की कमी के चलते आप और आपके दोस्त में दूरी की वजह बन सकते हैं! अगर आप अपनी ज़रूरतों को ज़ाहिर करने में Capable नहीं हैं या उनकी ज़रूरतों को समझने में असमर्थ हैं, तो याद रखिये आप खुदको अलग-थलग रहने की खुद ही सज़ा दे रहे हैं!
आख़िर में!
अकेलेपन की भावना को दूर करना:- अकेलेपन की वजह को समझना इसे दूर करने की दिशा में पहला कदम है। उन दोस्तों से संपर्क करने पर विचार करें जिन पर आप भरोसा करते हैं! और उनके साथ अपनी भावनाओं के बारे में बात करें। हो सकता है कि वे आपके मुकाबले अधिक समझदार और सहायक हों। इसके अलावा, किसी चिकित्सक से पेशेवर मदद लेना भी आपके मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और अकेलेपन की भावना को प्रबंधित करने में सहायक हो सकता है।
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